निदेशक के बारे में
  श्री के. महापात्रा ने दिनांक 01.11.2022 से निर्माण, सेवा एवं संपदा प्रबंधन निदेशालय (डीसीएसईएम) के 8 वें निदेशक के रूप में इस पद को विभूषित किया गया है ।
  श्री महापात्रा का जन्म 1966 में कोलकाता में हुआ है । उन्होंने वर्ष 1987 में हारकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट, कानपुर से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की सभी शाखाओं की पढ़ाई करते हुए सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया है | वे बी.टेक में गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं । उन्होंने वर्ष 1990 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से स्नातकोत्तर अर्थात एम.टेक (सिविल) की पढ़ाई पूरी की है ।
  श्री महापात्रा दिसंबर, 1989 में एसओ/एससी के रूप में तत्कालीन कंस्ट्रक्शन एंड सर्विसेज ग्रुप (अब डीसीएसईएम) में शामिल हुए। शामिल होने के बाद से, वे पुणे में स्थित टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टीआईएफआर) की बृहद् मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) लैब, पुणे में जैव-प्रौद्योगिकी विभाग की कोशिका विज्ञान प्रयोगशालाओं जैसे विविध स्थलों पर विभिन्न सिविल निर्माण परियोजनाओं की साइट पर्यवेक्षण से जुड़े थे। उनकी सफल कार्य -सूची में लातूर में भूकंप पुनर्वास निर्माण कार्य, शिलांग में परमाणु खनिज निदेशालय (एएमडी) के लिए आवास और अन्य बुनियादी ढांचे, परिवर्ती ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केंद्र (वीईसीसी), कोलकाता में विभिन्न निर्माण परियोजनाएं, अणुशक्तिनगर में विभिन्न प्रकार के 312 और 356 फ्लैटों का निर्माण आदि का समावेश हैं। श्री महापात्रा द्वारा संचालित लंबी सूची में से ये कुछेक परियोजनाओं की गिनती है । श्री महापात्रा वर्ष 2002 से 2017 तक वीईसीसी, साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स (एसआईएनपी) और भुवनेश्वर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआईएसईआर) आदि के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों की देखरेख के लिए कोलकाता में निसेसंप्रनि सेट-अप को संभाल रहे थे। उनमें से पऊवि चिकित्सीय साइक्लोट्रॉन और विकिरण औषधी अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी), कोलकाता की प्रतिष्ठित परियोजना थी।
  श्री महापात्रा को निम्न उल्लेखनीय कार्यों के लिए डीएई ग्रुप अचीवमेंट अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है :-
निसेसंप्रनि के निदेशक के रूप में उनके कार्यभार ग्रहण करने के बाद से कई नई उपलब्धियां हासिल की गई हैं जैसे एचबीएनआई के लिए पोस्ट ग्रेजुएट हॉस्टल का उद्घाटन, दामोदर भवन में टाइप III-सी के 96 फ्लैट, पीटीएए कॉम्प्लेक्स में फुटबॉल टर्फ, वैजॅग में होमी भाभा कैंसर और अनुसंधान अस्पताल, भाभा पार्क चरण-II तथा भावी परियोजनाएं |
  श्री महापात्रा का जन्म 1966 में कोलकाता में हुआ है । उन्होंने वर्ष 1987 में हारकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट, कानपुर से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की सभी शाखाओं की पढ़ाई करते हुए सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया है | वे बी.टेक में गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं । उन्होंने वर्ष 1990 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से स्नातकोत्तर अर्थात एम.टेक (सिविल) की पढ़ाई पूरी की है ।
  श्री महापात्रा दिसंबर, 1989 में एसओ/एससी के रूप में तत्कालीन कंस्ट्रक्शन एंड सर्विसेज ग्रुप (अब डीसीएसईएम) में शामिल हुए। शामिल होने के बाद से, वे पुणे में स्थित टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टीआईएफआर) की बृहद् मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) लैब, पुणे में जैव-प्रौद्योगिकी विभाग की कोशिका विज्ञान प्रयोगशालाओं जैसे विविध स्थलों पर विभिन्न सिविल निर्माण परियोजनाओं की साइट पर्यवेक्षण से जुड़े थे। उनकी सफल कार्य -सूची में लातूर में भूकंप पुनर्वास निर्माण कार्य, शिलांग में परमाणु खनिज निदेशालय (एएमडी) के लिए आवास और अन्य बुनियादी ढांचे, परिवर्ती ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केंद्र (वीईसीसी), कोलकाता में विभिन्न निर्माण परियोजनाएं, अणुशक्तिनगर में विभिन्न प्रकार के 312 और 356 फ्लैटों का निर्माण आदि का समावेश हैं। श्री महापात्रा द्वारा संचालित लंबी सूची में से ये कुछेक परियोजनाओं की गिनती है । श्री महापात्रा वर्ष 2002 से 2017 तक वीईसीसी, साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स (एसआईएनपी) और भुवनेश्वर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआईएसईआर) आदि के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों की देखरेख के लिए कोलकाता में निसेसंप्रनि सेट-अप को संभाल रहे थे। उनमें से पऊवि चिकित्सीय साइक्लोट्रॉन और विकिरण औषधी अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी), कोलकाता की प्रतिष्ठित परियोजना थी।
  श्री महापात्रा को निम्न उल्लेखनीय कार्यों के लिए डीएई ग्रुप अचीवमेंट अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है :-
- वर्ष 2009 – निम्न सुविधाओं के विकास के अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए नवीन निर्माण के साथ विभिन्न सुविधाओं का निर्माण (a) आईओपी, भुवनेश्वर में एनआईएसईआर के लिए शैक्षणिक ब्लॉक का निर्माण। (b) वीईसीसी, कोलकाता के लिए सिल्वर जुबली गेस्ट हाउस का निर्माण
- वर्ष 2018 - टीआईएफआर, हैदराबाद के लिए पहले अनुसंधान एवं शिक्षा ब्लॉक (एफआरईटी) का निर्माण।
- वर्ष 2019 - वीईसीसी, कोलकाता में मेडिकल साइक्लोट्रॉन की स्वदेशी स्थापना और कमीशनिंग।
- वर्ष 2021 - अणुशक्तिनगर, मुंबई के लिए अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं की स्थापना और आत्म-निर्भरता तथा स्वच्छ एवं हरित अणुशक्तिनगर लक्ष्य प्राप्त करना ।
- श्री महापात्रा दिसंबर, 2021 में जर्नल ऑफ एशियन कंक्रीट फेडरेशन के "गैर-विनाशकारी परीक्षणों से 40 साल की इमारत के लिए कंक्रीट की वर्तमान ताकत का अनुमान" के सह-लेखक थे।
निसेसंप्रनि के निदेशक के रूप में उनके कार्यभार ग्रहण करने के बाद से कई नई उपलब्धियां हासिल की गई हैं जैसे एचबीएनआई के लिए पोस्ट ग्रेजुएट हॉस्टल का उद्घाटन, दामोदर भवन में टाइप III-सी के 96 फ्लैट, पीटीएए कॉम्प्लेक्स में फुटबॉल टर्फ, वैजॅग में होमी भाभा कैंसर और अनुसंधान अस्पताल, भाभा पार्क चरण-II तथा भावी परियोजनाएं |
डीसीएसईएम के निदेशकों की सूची और उनका कार्यकाल
प्रोफ़ाइल चित्र | नाम | अवधि |
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श्री ए.के.गुप्ता | 01-07-1996 - 30-04-2001 |
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श्री जे. एस. अरोरा | 01-05-2001 - 30-06-2003 |
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श्री के.एस. वाघ | 01-07-2003 - 31-08-2007 |
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श्री रामानुजम | 01-09-2007 - 30-04-2009 |
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श्री एन.एस. गभने | 06-05-2009 - 31-03-2016 |
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श्री अनिल श्रीवास्तव | 01-04-2016 - 31-10-2018 |
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श्री बी.के. जैन | 01-11-2018 - 31-10-2022 |
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इसके समस्त अधिकार व कॉपीराइट © 2022, निर्माण, सेवा एवं संपदा प्रबंधन निदेशालय के पास संरक्षित है ।
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